एक बार एक सेठ था । सेठ बूढ़ा हो चला था । एक दिन उसने अपनी सेठानी से कहा- अब हमारी जिन्दगी न जाने कि... एक बार एक सेठ था । सेठ बूढ़ा हो चला था । एक दिन उसने अपनी सेठानी से कहा- अब हमा...
ये कहानी मेरी आप बीती है जिसे मैं आज तक भूल नहीं पायी हूँ। लोगों के अलग अलग मत हैं की भूत होते हैं ... ये कहानी मेरी आप बीती है जिसे मैं आज तक भूल नहीं पायी हूँ। लोगों के अलग अलग मत ...
(रूसी लोककथा) अनुवाद: आ। चारुमति रामदास (रूसी लोककथा) अनुवाद: आ। चारुमति रामदास
बरसात का जिक्र होते ही मन मयूर नाच उठता है । बरसात का जिक्र होते ही मन मयूर नाच उठता है ।
वाकई कितने अच्छे दिन थे। ना किसी की चिंता और ना हो कोई फ़िक्र। वाकई कितने अच्छे दिन थे। ना किसी की चिंता और ना हो कोई फ़िक्र।
"हाँ हाँ, ठीक कह रही हो, परंतु मुझे बेटी नहीं बेटा चाहिए समझी तुम? "हाँ हाँ, ठीक कह रही हो, परंतु मुझे बेटी नहीं बेटा चाहिए समझी तुम?