अमीना, इसकी जिक्र किसी से न करना ना ही कभी यह भूल दोहराना। वादा करो" अब्बू ने मुझसे कहा, आँखों में अनेक उम्मीद संजोए हु...
छोटी-सी ज़िन्दगी की अहमियत को समझिये और मुस्कुराकर हर परीक्षा को दीजिये। सफलता और असफलता हमारे हाथ नहीं। है तो बस शिद्दत ...
न जाने कब कलम साइंस के प्रैक्टिकल लिखने की जगह कविताएं लिखने लगी। मासूम दिल की मासूम चाहतें और उन सारी
कुछ लोगों ने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।
मेरा अनकहा प्यार मुझमें और मेरी दोस्ती उसमें आज भी सांसें ले रही है। अब मैं खुलकर हँसने लगी हूँ।
ऐ कंवलजीत तेरी कहानी भी तो मैंने लिखी अधूरी थी जब मैं अपनी कहानी न पूरी लिख पाया तो तेरी कैसे पूरी हो यह बार बार कान्हा ...