डर . . .
डर गए ... तुम्हारा यही डर मेरी मौत के लिए जिम्मेदार है. ..कल तुमने अगर अपने डर पर काबू पा लिया होता तो शायद आज मैं जिंद...
वह अपनी गल्तियो में सुधार करते हुए लगन से हर काम पूर्णकर मुश्किल-हालातों में निर्णय लेने में सक्षम हो गई।
पत्नी के मुँह से यह सुनकर भानु प्रताप शर्मा पहली बार जज नहीं किसी फरियादी की तरह सज़ा सुन अवाक रह गये।
बचपन में मैं खिलौने वाली छिपकली से सब को डराती थी, पर जब से मेरे उपर एक छिपकली गिरी मैं उससे बहुत डरने लगी...
क्या माँ द्वारा किया गया पाप ? क्या पुत्र द्वारा पाप किया जाता है ?