मैंने खा जाने वाली निगाह से राहुल को देखा और मुस्करा कर दोनों से विदा ली।
"मेरा 'अपना घर ' आखिर है कौनसा ...?"
आज यज्ञ की तीनों फैक्ट्रियों में महान दान दाता शिखा देवी की आदमकद तस्वीरें लगाई जा रही
यदि रामू काका को किसी बात से चिढ़ थी तो वह था मशीन युग।
लेखक : सिर्गइ नोसव अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मैंने पेड़ को छू कर सहलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया।