एक दिन हमारे बीच 'मैं' आया, फिर 'मैं' 'तू-तू मैं-मैं' में बदल गया एक दिन हमारे बीच 'मैं' आया, फिर 'मैं' 'तू-तू मैं-मैं' में बदल गया
बाँध रखा है क्यूँ अपने दिल को बाँध रखा है क्यूँ अपने दिल को
हैं जो ये फ़ासले हमारे बीच, आज तुम मिटा दो छाए हैं जो जुदाई के बादल, अब इसे हटा दो ! हैं जो ये फ़ासले हमारे बीच, आज तुम मिटा दो छाए हैं जो जुदाई के बादल, अब इसे हट...
मदहोश करता दोनों को जो वो ही दीदार-ए-जिस्म करते हम मदहोश करता दोनों को जो वो ही दीदार-ए-जिस्म करते हम