रहे ख़ामोश उनकी ग़लतियों पर आप क्यों हज़रत जो करते सच की हिमायत तो क़ायल आपके होते रहे ख़ामोश उनकी ग़लतियों पर आप क्यों हज़रत जो करते सच की हिमायत तो क़ायल आपके होते
क्या सहा अभी, रुखसत-ए-जिंदगी, फुर्सत-ए-गम, क्या सहा अभी, रुखसत-ए-जिंदगी, फुर्सत-ए-गम,
अविचल खड़ी है लेकिन भारत माँ की बेटियाँ भी. अविचल खड़ी है लेकिन भारत माँ की बेटियाँ भी.
वो जो रहते थे मेरे दिल के आशियाने में इश्क की गली में उनके कई मकां निकले वो जो रहते थे मेरे दिल के आशियाने में इश्क की गली में उनके कई मकां निकले