खिलते फूल, खिलते फल और महकाओ धरती का कल खिलते फूल, खिलते फल और महकाओ धरती का कल
आओ सींचे पुनः घर आंगन, प्रेम की इस धार से। आओ सींचे पुनः घर आंगन, प्रेम की इस धार से।
मोती सी बूंदों की पायल पहन कर मेघा आई, मेघा आई, देखो चारों तरफ कितनी खुशियाँ लाई । मोती सी बूंदों की पायल पहन कर मेघा आई, मेघा आई, देखो चारों तरफ कितनी खुशियाँ ...