ऐसे में पन्ने को सुथरा, कब तक रख पाऊँ पता नहीं। ऐसे में पन्ने को सुथरा, कब तक रख पाऊँ पता नहीं।
मेरा मोल कोई और क्या जाने यह मैं स्वयं ही पहचानूंगी। मेरा मोल कोई और क्या जाने यह मैं स्वयं ही पहचानूंगी।
साफ़ आसमाँ की तलाश मुझे हर्गिज़ नहीं, बस ख़्वाहिश है, जो अबके रंग जो अबके रंगबरसे, तो झूमके रं... साफ़ आसमाँ की तलाश मुझे हर्गिज़ नहीं, बस ख़्वाहिश है, जो अबके रंग जो अबके ...