कैसे बतलाऊँ ये मंजर देख, कैसे आँखों को मीचा था। कैसे बतलाऊँ ये मंजर देख, कैसे आँखों को मीचा था।
खुशनसीब होते हैं वो लोग आकिब' जिन्हें मिलती है लाफ़ानी खुशी एक दिन। खुशनसीब होते हैं वो लोग आकिब' जिन्हें मिलती है लाफ़ानी खुशी एक दिन।
उदासिनता घालवी! मुक्तछंद स्टोरी मिरर!! उदासिनता घालवी! मुक्तछंद स्टोरी मिरर!!
नेक नीयत की रौशनी रखना जिसका रूहों तलक असर जाये। नेक नीयत की रौशनी रखना जिसका रूहों तलक असर जाये।