जो मेरे अंधेरों का उजियारा था बड़ी शिद्दत से सम्भाल कर रखा था जो मेरे अंधेरों का उजियारा था बड़ी शिद्दत से सम्भाल कर रखा था
तेरी हर उन यादों को तकिया बनाकर, हमेशा उन्हें सहेजता रहूँगा, तेरी हर उन यादों को तकिया बनाकर, हमेशा उन्हें सहेजता रहूँगा,