जो कुछ भी हो तुम इस पेड़ की बदौलत हो गर लगा सकते नहीं जीवन में एक पेड़ कोई अधिकार नहीं तुझको ... जो कुछ भी हो तुम इस पेड़ की बदौलत हो गर लगा सकते नहीं जीवन में एक पेड़ कोई अ...
कभी नंदिनी, कभी सहचरी बन हर कर्तव्य को मैंने निभाया। कभी नंदिनी, कभी सहचरी बन हर कर्तव्य को मैंने निभाया।
वास्तव में मेरा प्रथम गुरु है मेरी माता, शत- शत वंदन करे उसका मेरी वाणी वास्तव में मेरा प्रथम गुरु है मेरी माता, शत- शत वंदन करे उसका मेरी वाणी
मैं, सोचता रहा रास्ते भर यूँ ही कोई क्यों संग चलेगा, मैं, सोचता रहा रास्ते भर यूँ ही कोई क्यों संग चलेगा,