ये रूह एक ताइर-ए-वहशी नज़ाद है हर दम सफ़र के वास्ते तय्यार चाहिए ये रूह एक ताइर-ए-वहशी नज़ाद है हर दम सफ़र के वास्ते तय्यार चाहिए
मम्मी मैं क्या सच मे मर गई हूं जो आप लोग मेरे सारे कपड़े खुशी को देने चले गए थे ? मम्मी मैं क्या सच मे मर गई हूं जो आप लोग मेरे सारे कपड़े खुशी को देने चले गए थे ?
आजाद हुआ है भारत, कैद है अभी भी जन जाति, आजाद घूम रहे आवारे, कैद है अभी भी शहजादी। आजाद हुआ है भारत, कैद है अभी भी जन जाति, आजाद घूम रहे आवारे, कैद है अभी भी शहजा...