जाति, धर्म और वर्ण से बढ़कर है मानवता का नाता, सच्चा इंसान हैं वहीं जो एक-दूजे के काम है आता। जाति, धर्म और वर्ण से बढ़कर है मानवता का नाता, सच्चा इंसान हैं वहीं जो एक-दूजे ...
इन्सान हो कर गर इन्सान के लिए ये भी न किया, तो सोचिये, भावहीन होकर जीवन जिया तो क्या जिया ? इन्सान हो कर गर इन्सान के लिए ये भी न किया, तो सोचिये, भावहीन होकर जीवन ज...
मम्मी मैं क्या सच मे मर गई हूं जो आप लोग मेरे सारे कपड़े खुशी को देने चले गए थे ? मम्मी मैं क्या सच मे मर गई हूं जो आप लोग मेरे सारे कपड़े खुशी को देने चले गए थे ?
जिंदगी में कुछ ऐसा काम कर जाएं यह जीवन किसी के काम आ जाए। जिंदगी में कुछ ऐसा काम कर जाएं यह जीवन किसी के काम आ जाए।