यूँ ही बहते, लुढ़कते, भीगते सूखते मैंने भी, आधी ज़िन्दगी का सफर, गुज़ार लिया था। यूँ ही बहते, लुढ़कते, भीगते सूखते मैंने भी, आधी ज़िन्दगी का सफर, गुज़ार लि...
वीरान, बुझी, आँखों से अश्क यूँ ही नहीं लुढ़क जाते। वीरान, बुझी, आँखों से अश्क यूँ ही नहीं लुढ़क जाते।