एक दीप ऐसा जला अंतर्मन में की जीवन फिर लौट चले बचपन में। एक दीप ऐसा जला अंतर्मन में की जीवन फिर लौट चले बचपन में।
सरगम ना इसकी समझ पायी हो गयी हूँ चूर, ढ़ाई अक्षर से बना ये शब्द कैसा गूढ़। सरगम ना इसकी समझ पायी हो गयी हूँ चूर, ढ़ाई अक्षर से बना ये शब्द कैसा गूढ़।
'श्रवन मॉस के पवित्र महीने में भगवान शिव-शंकर के गुणगान गति हुई सुंदर काव्य रचना।' भगवन शिव-शंकर की ... 'श्रवन मॉस के पवित्र महीने में भगवान शिव-शंकर के गुणगान गति हुई सुंदर काव्य रचना...
आप बोल रहे हो, निर्मल जल भी बोलता पर कोई है जो, अनकहे सिर्फ सुनता है । आप बोल रहे हो, निर्मल जल भी बोलता पर कोई है जो, अनकहे सिर्फ सुनता है ।