सरगम ना इसकी समझ पायी हो गयी हूँ चूर, ढ़ाई अक्षर से बना ये शब्द कैसा गूढ़। सरगम ना इसकी समझ पायी हो गयी हूँ चूर, ढ़ाई अक्षर से बना ये शब्द कैसा गूढ़।
शिक्षक जीवन का गूढ़ सीखते हैं फिर भी साधारण कहलाते हैं शिक्षक जीवन का गूढ़ सीखते हैं फिर भी साधारण कहलाते हैं
उस कफ़न के अंदर एक दर्पण रखा हुआ था. उस कफ़न के अंदर एक दर्पण रखा हुआ था.