जागो उठो चलो ऐ जनतंत्र के प्रहरी जिना दुभर न कर दे विधान के नरहरि।। जागो उठो चलो ऐ जनतंत्र के प्रहरी जिना दुभर न कर दे विधान के नरहरि।।
पर अब तो घर की बेटियां घर में भी सुरक्षित नहीं है पर अब तो घर की बेटियां घर में भी सुरक्षित नहीं है
यह भूमि हमारी जननी है हमारे रक्त में इसकी नीर रवानी है यह भूमि हमारी जननी है हमारे रक्त में इसकी नीर रवानी है