बे मौसम बारिश का नजारा, उजड़ी फसल किसान बेसहारा, बे मौसम बारिश का नजारा, उजड़ी फसल किसान बेसहारा,
मैंने तुमसे मिलकर भी और बिना मिले भी मैंने तुमसे मिलकर भी और बिना मिले भी
देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव। देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव।