पढ़कर हर शख्स झूमता है उसके हर फ़साने पर। पढ़कर हर शख्स झूमता है उसके हर फ़साने पर।
झुकी पलकों से, अगरचे तू मिरे कूचे में, कोई शब, दीदार दे दे। झुकी पलकों से, अगरचे तू मिरे कूचे में, कोई शब, दीदार दे दे।