इस धरा का इस धरा पर सब धरा रह जायेगा क्यूँ करता तू इतनी भगदड़ सब धरा रह जायेगा इस धरा का इस धरा पर सब धरा रह जायेगा क्यूँ करता तू इतनी भगदड़ सब धरा रह जायेगा
एक पहर जो हरि भजेगा मोक्ष परम सुख पायेगा एक पहर जो हरि भजेगा मोक्ष परम सुख पायेगा
सूख गई आंखें तक, कुछ भी नहीं सुहाता, सूख गई आंखें तक, कुछ भी नहीं सुहाता,