जहां कहीं कभी भी तुम हो मेरे प्रियतम आ भी जाओ बनकर अब मेरे हमसफर।। जहां कहीं कभी भी तुम हो मेरे प्रियतम आ भी जाओ बनकर अब मेरे हमसफर।।
समय जो है कभी शत्रु तो कभी मित्र चक्र की तरह घूमता ही रहता है, और बिछा जाता है समय जो है कभी शत्रु तो कभी मित्र चक्र की तरह घूमता ही रहता है, और बिछा जाता ...