नाचते हो जिन बारिशों में तुम नीड़ न जाने कितने घुल जाते हैं अलाव हो सेंकते जिन अंगारों का न जाने कितन... नाचते हो जिन बारिशों में तुम नीड़ न जाने कितने घुल जाते हैं अलाव हो सेंकते जिन अं...
सिर्फ एहसास है यह जज़्बात का करीब न होकर भी करीब है हम इस बात का हर लम्हा इश्क बढ़ाती ये बारिशें सिर्फ एहसास है यह जज़्बात का करीब न होकर भी करीब है हम इस बात का हर लम्हा इश्क बढ़...
जाते-जाते बीती यादों का एक टुकड़ा धूप का पास झरोखे मैं छोड़ गयी। जाते-जाते बीती यादों का एक टुकड़ा धूप का पास झरोखे मैं छोड़ गयी।