बैरोजगारी भूखमरी बढ़ रही हैं बढ़ रहा ताप सबला हूं न्याय व्यवस्था डगमगा गई हैं हिम्मत संभल भूल है हमारी खुशियां का दामन प्रकृति हमको चेताती सामूहिक तैयारी ममता का आंचल हिस्सा आज की नारी संकेतों से आभास परचम लहराने निकली यादों का मंजर कर औरतों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं आगे बढ़ विषैली वायु-नीर-धरा

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