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सबला हूं भावनाएं आहत करती हैं कर ममता का आंचल प्रकृति हमको चेताती संकेतों से आभास आज की नारी न्याय व्यवस्था डगमगा गई हैं हिम्मत बढ़ रहा ताप खालीपन भूल है हमारी खुशियां का दामन बस आगे बढ़ औरतों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं सामूहिक तैयारी परचम लहराने निकली विषैली वायु-नीर-धरा संभल आगे बढ़

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