आज की नारी अपनी शर्तों पे जीना चाहती है. आज की नारी अपनी शर्तों पे जीना चाहती है.
कुछ घर की जिम्मेदारियों होती है साहब क्यों हर लड़की को बेवफ़ा बताते यहां कुछ घर की जिम्मेदारियों होती है साहब क्यों हर लड़की को बेवफ़ा बताते यहां
जानते समझते थे हम हर बात नहीं वश में हमारे जानते समझते थे हम हर बात नहीं वश में हमारे