है जो फैली दूर तलक ये कालिख, कहीं कोई लालिमा तो उगनी चाहिए है जो फैली दूर तलक ये कालिख, कहीं कोई लालिमा तो उगनी चाहिए
दंभी को प्रतिपल ललकारे, फैली तम में धूप है । जय-जय गणपति गौरीनंदन, एकदंत जग भूप है ।। दंभी को प्रतिपल ललकारे, फैली तम में धूप है । जय-जय गणपति गौरीनंदन, एकदंत जग भ...