मेरे घ्राणेन्द्रिय को और क्रियाशील कर देती है। मेरे घ्राणेन्द्रिय को और क्रियाशील कर देती है।
भेदभाव तो मन का भाव है जो दे जाता हरदम घाव है। भेदभाव तो मन का भाव है जो दे जाता हरदम घाव है।