जिसमें गति थी निर्द्वन्दता थी और साथ था वक्त जिसमें मौज़ थी मस्ती थी और थी बेफिक्री.... जिसमें गति थी निर्द्वन्दता थी और साथ था वक्त जिसमें मौज़ थी मस्ती थी और थी बेफिक...
यह इन्सान के ह्रदय का परिवर्तन ही तो है , जो पल में इन्सान के किये पाप को पुन्य , और पुन्य को पा... यह इन्सान के ह्रदय का परिवर्तन ही तो है , जो पल में इन्सान के किये पाप को पुन...
करिये ध्यान, जीवन हो आसान। जय श्री राम। करिये ध्यान, जीवन हो आसान। जय श्री राम।
जब किताब मेरे साथ होती है मैं किताब को सन्मान देती हूँ जब किताब मेरे साथ होती है मैं किताब को सन्मान देती हूँ