ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बुढ़ापे की सन ठहरो ! सिर को अपने ठंडा रखो दूर बदन के अपने ही डंडा रखो क्यों पाला करते बु...
न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है न जाने दिल क्यों खिंचा जाता है उसकी तरफ, क्या उसने भी मुझे पाने की दुआ ...
तुम हर बार जीते और मैं हर बार हारी तुम हर बार जीते और मैं हर बार हारी
अपनी की खुशी के ही गीत गाने की मत सोचो। अपनी की खुशी के ही गीत गाने की मत सोचो।
फिक्र मुझे ना होती कुछ पाने की तड़प मुझे ना होती कुछ खोने की फिक्र मुझे ना होती कुछ पाने की तड़प मुझे ना होती कुछ खोने ...
पाने की जिद में तुझको खो दिया अपना बनाना चाहा तुझको खो दिया! पाने की जिद में तुझको खो दिया अपना बनाना चाहा तुझको खो दिया!