कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी कुछ क्षण में फिर देखा तो वो बुला रही थी
नींद ना आए मुझे ,चैन ना आए रोग ये कैसा कोई मुझको बताए। नींद ना आए मुझे ,चैन ना आए रोग ये कैसा कोई मुझको बताए।
लहरें मचल-मचल कर मिलतीं, प्रेमी उसका किनारा है। लहरें मचल-मचल कर मिलतीं, प्रेमी उसका किनारा है।