STORYMIRROR

Virat Patel

Children Stories Inspirational

4  

Virat Patel

Children Stories Inspirational

गंगा की धारा...

गंगा की धारा...

1 min
483

स्वर्ग लोक से चलकर उतरी,

शांत हुआ अंगारा है।

घाट घाट पर मां बहती है,

ऐसा भाग्य हमारा है।

मैंने चख कर देख लिया,

ये पूरा समंदर खारा है।

दुनिया को अमृत पान कराए,

वो गंगा की धारा है।


लहरें मचल-मचल कर मिलतीं,

प्रेमी उसका किनारा है।

वो जान से उसको प्यारी है,

वो जान से उसको प्यारा है।

स्वयं बांधकर महादेव ने,

अपनी जटा संवारा है।

काशी जिसकी राह निहारे,

वो गंगा की धारा है।


बच्चों ने आंचल को तेरे,

मैला मैला कर डाला है।

धो कर इतने पाप,

बोल मइया क्या लाभ तुम्हारा है।

सजा रहे श्रृंगार तेरा मां,

तुझ पर ही जग सारा है।

जो हर प्यासे तक जल पहुंचाएं,

वो गंगा की धारा है।

  


                       


Rate this content
Log in