तुम हो दाता गर्व करो मन को न अपने मलिन करो तुम क्षमाशील ममता की मूरत इस रूप को तुम न कभी तजो। तुम हो दाता गर्व करो मन को न अपने मलिन करो तुम क्षमाशील ममता की मूरत इस रूप क...
घर की चार दीवारी से बाहर उसके वजूद की कल्पना नहीं की जा सकती। घर की चार दीवारी से बाहर उसके वजूद की कल्पना नहीं की जा सकती।
पुरूष एक मोम वक्ष नारी अति विनत पक्ष प्रणय एक आग... दोनों ही देहों में दहकी सम भाग: पुरूष एक मोम वक्ष नारी अति विनत पक्ष प्रणय एक आग... दोनों ही देहों में ...
अपने स्वाभिमान,सम्मान के लिय आओ अभी से महायुद्ध करे छोड़ दे आस किसी की और ना किसी की पुकार करे स्... अपने स्वाभिमान,सम्मान के लिय आओ अभी से महायुद्ध करे छोड़ दे आस किसी की और ना क...
क्यों नहीं नकार देती पुरुषों का अस्तित्व क्यों हर बार बस हारकर खुश हो जाती है क्यों नहीं नकार देती पुरुषों का अस्तित्व क्यों हर बार बस हारकर खुश हो जात...
उन्हें गुलाम में रखने के लिए धर्म की परिधान से सजाई आचार- व्यवहार की सिकंजे से उन्हें गुलाम में रखने के लिए धर्म की परिधान से सजाई आचार- व्यवहार की सिकंज...