राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता राष्ट्रभाषा हिन्दी पर कविता
इस कदर हिसाब लेंगे, कि रूह भी काँप जायेगी उस धोखेबाज की, इस कदर हिसाब लेंगे, कि रूह भी काँप जायेगी उस धोखेबाज की,
तेरे नाम से चलाते सभी अपनी राजनीति, नेता कर रहे है तेरे जनता की अब दुर्गति। तेरे नाम से चलाते सभी अपनी राजनीति, नेता कर रहे है तेरे जनता की अब दुर्गति।