भंवर कहीं तो अंदर ही है शायद! किसी झोंके के इंतज़ार में!! चलता जाता हूँ मैं फिर शायद! कहीं मिल ... भंवर कहीं तो अंदर ही है शायद! किसी झोंके के इंतज़ार में!! चलता जाता हूँ मैं ...
पर इंसान को ख्वाहिशें मार देती हैं, छोटी बड़ी पर इंसान को ख्वाहिशें मार देती हैं, छोटी बड़ी