तभी बत्ती हरी हुई और मैंने राह ली अपनी.. और चंद लम्हों में ही वो मुझमे कहीं ना था.. तभी बत्ती हरी हुई और मैंने राह ली अपनी.. और चंद लम्हों में ही वो मुझमे कहीं...
मैं थी उसके साथ असमंजस में जब कार मुड़ गई थी ट्रक की ओर मैं थी उसके साथ असमंजस में जब कार मुड़ गई थी ट्रक की ओर