सपने रंगीन हो गए कि दिल ज़हीन हो गए।। सपने रंगीन हो गए कि दिल ज़हीन हो गए।।
तू लौटकर आ घर तू अब परदेश से तन्हा उदास मेरा जीवन ये तेरे बिन है तू लौटकर आ घर तू अब परदेश से तन्हा उदास मेरा जीवन ये तेरे बिन है
लौटा देती हूँ उधार का तल्ख सब, इसलिए जी बदतमीज लगती हूँ। लौटा देती हूँ उधार का तल्ख सब, इसलिए जी बदतमीज लगती हूँ।