प्रेम के बीज अब मैं बोने चली हूँ नामुमकिन को मुमकिन करने चली हूँ प्रेम के बीज अब मैं बोने चली हूँ नामुमकिन को मुमकिन करने चली हूँ
दोस्त हैं हजार,लाखों हैं दुश्मन दोस्त हैं हजार,लाखों हैं दुश्मन
अब भूत को याद कर नहीं रोते है, वर्तमान को सुनहरा करने लगे है अब भूत को याद कर नहीं रोते है, वर्तमान को सुनहरा करने लगे है