कितना सुंदर था अपना बचपन, कोई शहर में लादे बरगद की ठंडी वह छाँव। कितना सुंदर था अपना बचपन, कोई शहर में लादे बरगद की ठंडी वह छाँव।
जय अभिनाशी , जंगल को बासी महाकाल दुनियां को जाने जय अभिनाशी , जंगल को बासी महाकाल दुनियां को जाने
शिव का स्वरुप कैसा है...? ब्रह्मांडव्यापी और त्रिशूल, जटा, गंगाधारी है शिव... लेकिन डमरु पे तांडव कर... शिव का स्वरुप कैसा है...? ब्रह्मांडव्यापी और त्रिशूल, जटा, गंगाधारी है शिव... ले...