पल-पल जीने की ख़ुशी हौसला सा बढ़ा देती है। तुझसे मिलने की झूठी आस दो कदम आगे बढ़ा देती है। पल-पल जीने की ख़ुशी हौसला सा बढ़ा देती है। तुझसे मिलने की झूठी आस दो कदम आग...
रिश्ते सादे थे, कांच से साफ ना कोई छल था ना कोई कपट रिश्ते सादे थे, कांच से साफ ना कोई छल था ना कोई कपट
वो खामोशी से मुझे देखता तो है दर्द से जूझते जज्ब करते तल्ख अहसास, वो खामोशी से मुझे देखता तो है दर्द से जूझते जज्ब करते तल्ख अहसास,