ज़िंदगी फिर से आजमाने लगे खुद को ही गले लगाने लगे घोंट कर वो मेरा गला देखो तोहमत मु ज़िंदगी फिर से आजमाने लगे खुद को ही गले लगाने लगे घोंट कर वो मेरा गला द...
लोगों की फितरत समझ नहीं आती है टूटे शीशे से सही तस्वीर नजर आती है लोगों की फितरत समझ नहीं आती है टूटे शीशे से सही तस्वीर नजर आती है