अंधकार में दीपक जलता, करता हमको स्वयं प्रकाशित किन्तु शलभ भी उसी दीप में अंधकार में दीपक जलता, करता हमको स्वयं प्रकाशित किन्तु शलभ भी उसी दीप में
आजाद हिन्दुस्तान में, ऐसा वीर चाहिए।। आजाद हिन्दुस्तान में, ऐसा वीर चाहिए।।
जीवन की एक नयी नयी परिभाषा लगते हो। जीवन की एक नयी नयी परिभाषा लगते हो।