मैंने सुना है कि वो मर जाए, तो किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता मैंने सुना है कि वो मर जाए, तो किसी को फ़र्क़ नहीं पड़ता
हुए चौदह साल मुझे बोर्न हुए। हुए चौदह साल मुझे बोर्न हुए।
नमन दंंपति व लाल, कमी ना पूरी होनी। नमन दंंपति व लाल, कमी ना पूरी होनी।
प्रकटे दास कबीर, कहें चौदह सौ पचपन। प्रकटे दास कबीर, कहें चौदह सौ पचपन।