लेकिन मन की नदी एहसासों में जम जाये तो ग्लेशियर कभी नहीं पिघलता लेकिन मन की नदी एहसासों में जम जाये तो ग्लेशियर कभी नहीं पिघलता
वो बेचारा हिमालय सिसक-सिसक चिल्लाता रहा, रो-रोकर अपने कीमती आंसू यूँ ही बहाता रहा। वो बेचारा हिमालय सिसक-सिसक चिल्लाता रहा, रो-रोकर अपने कीमती आंसू यूँ ही बहाता...
गर्मी ने किया बुरा है हाल, आज ग्लोबल हुआ है लाल। गर्मी ने किया बुरा है हाल, आज ग्लोबल हुआ है लाल।
तो फिर क्यों मनुष्य फेंक प्लास्टिक कर रहा खत्म मुझे तो फिर क्यों मनुष्य फेंक प्लास्टिक कर रहा खत्म मुझे