तुमसे दिल्लगी का बेवफा तुमने क्या खूब सिला दिया।। तुमसे दिल्लगी का बेवफा तुमने क्या खूब सिला दिया।।
आज बीते हुए पलों की दास्तांं बना के बैठे हैं। आज बीते हुए पलों की दास्तांं बना के बैठे हैं।
क्या क्या गंवा बैठे है हम? आप दोषी बना रहे है ये दूरियां क्या क्या गंवा बैठे है हम? आप दोषी बना रहे है ये दूरियां