सूर्य ही अंधकार का नाशक है सूर्य ही अंधकार का नाशक है
कारक बन कर कर्ता का कारण से मेल कराता है। कारक बन कर कर्ता का कारण से मेल कराता है।
मैं एक वक्ता हूँ बस इसकी आत्मा तुम हो ।। मैं एक वक्ता हूँ बस इसकी आत्मा तुम हो ।।
इन वर्तमान व्यवस्था दीक्षा के पूर्व जन्म में किये सभी इन वर्तमान व्यवस्था दीक्षा के पूर्व जन्म में किये सभी
ढल जाता है विच्छेद स्वरूप में जीवन का व्याकरण कुछ इस तरह चलता है ढल जाता है विच्छेद स्वरूप में जीवन का व्याकरण कुछ इस तरह चलता है