हिमालय की चोटी छलनी छलनी होती घाटों में भारतवासी शर्मिंदा है कायरों की चालों से हिमालय की चोटी छलनी छलनी होती घाटों में भारतवासी शर्मिंदा है कायरों की चालों ...
जो पंख तूने तोड़े थे वह आज उड़ रहे हैं, जो ख़्वाब मेरे अधूरे थे वह परवान चढ़ रहे हैं जो पंख तूने तोड़े थे वह आज उड़ रहे हैं, जो ख़्वाब मेरे अधूरे थे वह परवान चढ़ ...