तुम्हारे दूर जाते ही खारी-खारी, बूंदें भी जैसे लुप्त हो जाती है, ठीक उस तरह; जैसे सूरज के अवसान पर, ... तुम्हारे दूर जाते ही खारी-खारी, बूंदें भी जैसे लुप्त हो जाती है, ठीक उस तरह; जैस...
हर स्त्री में छिपा है मातृत्वबोध किसी के रूदन औ मुस्कान संग खुलता-खिलता हुआ हर स्त्री में छिपा है मातृत्वबोध किसी के रूदन औ मुस्कान संग खुलता-खिलता हु...