धरती माता शांत और चुप्पी सी रखी है, एक मोम की पुतले सी, मौन, अश्रु बन कर बहाने लगा। धरती माता शांत और चुप्पी सी रखी है, एक मोम की पुतले सी, मौन, अश्रु बन कर ब...
जब अपनी आवाज़ ऊँची करते हो कद अपना नीचा कर लेते हो। जब अपनी आवाज़ ऊँची करते हो कद अपना नीचा कर लेते हो।
होते है कत्ल यहाँ रोजाना अमानुष याद आती हैं हाथी जैसे भयंकर दहाड़ की होते है कत्ल यहाँ रोजाना अमानुष याद आती हैं हाथी जैसे भयंकर दहाड़ की