सूरज तू कितना भी इतराये तुझे तो रोज ढलना ही है। सूरज तू कितना भी इतराये तुझे तो रोज ढलना ही है।
दो अक्षर का, यह शब्द । दो जिस्म के, बीच बना । दो अक्षर का, यह शब्द । दो जिस्म के, बीच बना ।
जिंदगी और मौत के बीच ये कैसा है चूहे बिल्ली का खेल। जिंदगी और मौत के बीच ये कैसा है चूहे बिल्ली का खेल।
बहुत दूर निकल चुकी हूँ दुनियाँ के अनचाहे शोर से। बहुत दूर निकल चुकी हूँ दुनियाँ के अनचाहे शोर से।