तभी शायद पैसे वाले फलते-फूलते है और मजदूर वहीं का वहीं रह जाता है... तभी शायद पैसे वाले फलते-फूलते है और मजदूर वहीं का वहीं रह जाता है...
अचानक पढ़ते समय मेरे चेहरे पर लटें लहराई जैसे बिन बादल के बरसात झमाझम आई। अचानक पढ़ते समय मेरे चेहरे पर लटें लहराई जैसे बिन बादल के बरसात झमाझम आ...