Shubhi Agarwal
Others
पल भर में, ज़िंदगी हँसाती है ,
पल भर मे ही रूलाती है ।।
कैसा खेल है ,यह ज़िन्दगी का,
जो पल भर मे ही राजा को रंक ,
और रंक को राजा बना देती है ।।
जिंदगी का खेल
जिंदगी की पहल...
हर कोई एक सा ...
जिम्मेदारियां
माँ शक्ति
क़लम की जुबा
स्त्री
स्त्री होना आ...
मोहब्बत
रंग भेद